सानिया सईद कहती हैं, "मूल रूप से गुलजार द्वारा लिखित, आर. डी. बर्मन द्वारा संगीतबद्ध किया और मूल रूप से लता मंगेशकर का गाया गाना 'तुझसे नाराज नहीं ज़िंदगी' पेड़ों और पर्यावरण को बचाने की ज़रूरत से संबंधित भावनाओं को अच्छी तरह से व्यक्त करता है. हमारे लिए पर्यावरण को बचाना बेहद जरूरी है क्योंकि हमारा पूरा अस्तित्व ही पर्यावरण पर टिका हुआ है."
उल्लेखनीय है सानिया पर्यावरण को लेकर इस गाने को फिर से गाने जा रही हैं मगर उनके गाने की शैली में कोई बदलाव नहीं होगा. सानिया कहती हैं, "मैं लता जी के गाने सुन सुनकर बड़ी हुईं हूं. गायिकी के मामले में वो मेरी आदर्श रही हैं. मैं उनके ही गाने को फिर से गाकर उन्हें अपनी ओर से आदरांजलि देने जा रही हूं. मुझे उम्मीद है कि लता दीदी इसे सुनेंगी और उन्हें ये गाना बेहद पसंद आएगा." वो आगे कहती हैं, "मैंने इस गाने को इसलिए चुना क्योंकि इसमें लाखों लोगों को प्रेरित करने की ताकत छिपी है."
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